दोस्तों क्या आप जानना चाहते हैं, कि इनकम टैक्स या आयकर (Income Tax) क्या होता है, तो आज की इस पोस्ट में हम आपको इसके बारे में विस्तार से पूरी जानकारी देने वाले हैं.
जैसा कि आप सभी जानते हैं, हर साल बजट में हमारे देश के वित्त मंत्री, इनकम टैक्स यानि के (IT) आयकर की बात करते हैं. और इस इनकम टैक्स के स्लैब में लगभग हर साल कुछ न कुछ बदलाव ज़रूर किया जाता है. कभी टैक्स में छूट दी जाती है तो कभी इस टैक्स को घटाया या बढ़ाया जाता है.
इनकम टैक्स या आयकर क्या है? और ये कितने प्रकार का होता है
इसके अलावा कभी इनकम टैक्स में बचत के लिए कुछ ख़ास जगह निवेश के विकल्प की बात भी की जाती है, तो कभी कभार इस आयकर (Income Tax) में बचत के लिए कुछ ख़ास सुविधाओं को खत्म करने या इनमे कुछ नई सुविधा जोड़ने या शुरू करने की बात भी की जाती है.
अगर आप भी वाकई ये समझना चाहते हैं कि इनकम टैक्स क्या है, तो हम आपको इस बारे में इस पोस्ट में विस्तार से बता रहे हैं. इनकम टैक्स (IT) यानी के आयकर (Income Tax) हमारी आमदनी पर लगने वाला टैक्स है. जो हम लोग हर साल अपनी आमदनी वाली कमाई में से एक निश्चित हिस्सा केंद्र सरकार को आयकर के रूप में देना होता है.
यह इनकम टैक्स अलग-अलग आमदनी वाले लोगों से, अलग-अलग तरीके से लिया जाता है.
सरकार नागरिकों से टैक्स क्यों वसूलती है?
दरअसल कोई भी सरकार हो, वो अपने अधिकार क्षेत्र में बसने वाले या रहने वाले लोगों और वहां काम धंदे करने वाले या संस्थानों को जो नागरिक सेवा उपलब्ध कराती है, ऐसे लोगों पर उन्हें काफी पैसा भी खर्च करना पड़ता है. जैसे आपको बता दें, इसमें सड़क, बिजली-पानी से लेकर सुरक्षा और प्रशासन पर आने वाले खर्च शामिल हैं. किसानों और गरीब लोगों को विभिन्न सुविधा पर दी जाने वाली सब्सिडी या मदद आदि भी इन खर्च में शामिल है.
इस खर्च को भारत सरकार दो तरह के कर लगाकर पूरा करने के प्रयास करती है. कितने तरह के हैं टैक्स? भारत समेत पूरी दुनिया में सरकारी खर्च पूरा करने के लिए टैक्स दो तरीके से लिया जाता है. पहला लोगों की आमदनी में से कुछ हिस्सा लेना यानी प्रत्यक्ष कर. इनकम टैक्स (IT) या आयकर इसी कैटेगरी में आता है. टैक्स लगाने का दूसरा तरीका है सेवाओं और वस्तुओं के उपयोग पर टैक्स लगाना यानी अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर.
कितने तरह के हैं टैक्स? भारत समेत पूरी दुनिया में सरकारी खर्च पूरा करने के लिए टैक्स दो तरीके से लिया जाता है. पहला लोगों की आमदनी में से कुछ हिस्सा लेना यानी प्रत्यक्ष कर. इनकम टैक्स (IT) या आयकर इसी कैटेगरी में आता है. टैक्स लगाने का दूसरा तरीका है सेवाओं और वस्तुओं के उपयोग पर टैक्स लगाना यानी अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर.